फ्री स्पेस मैनेजमेंट क्या है ?

फ्री स्पेस मैनेजमेंट क्या है ? (Free-Space Management):

यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि कभी-कभी disk में बहुत ही कम जगह बचती है।

ऐसी स्थिति में system के कार्य क्षमता में कमी आ जाती है।

सामान्यतः किसी disk में space free तब होता है जब किसी file को मिटाया जाता है,

Space management करके उसे पुनः उपयोग में ला सकते हैं।

सामान्यतः system के द्वारा free space की list को रखा जाता है

और जब आवश्यकता होती है तो उस space को अन्य जानकारियों को संग्रहित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

Disk track एवं sector में बँटा होता है जिसे नीचे दिये चित्र से समझते हैं:

Free Space Management Disk track and sectors

प्रत्येक sector में एक निश्चित् मात्रा में data को रखा जाता है।

सामान्यतः प्रत्येक sector में 512 bytes या 2048 bytes (2kb), data को रखा जा सकता है,

परंतु नये प्रकार के format में 4096 bytes (4kb) space प्रत्येक sector में होते हैं।

इन्हीं track पर रखे गये records में से यदि किसी को delete किया जाता है

तो वह स्थान रिक्त हो जाता है जिसे manage करके पुनः उपयोग में ला सकते हैं।

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सामान्यतः system के द्वारा free space के लिए linked list तकनीक का उपयोग किया जाता है

अर्थात् प्रत्येक block free हुआ है उसका क्रमशः records तैयार किया जाता है।

free and used space in os

उपरोक्त चित्र में 10 से 20 और 30 से 40 तक का operating system के पास इसका records होना आवश्यक है।

इसके लिए इन physical storage जो free है उनका एक link तैयार किया जाता है,

और जब कोई नया records को रखने की आवश्यकता होती है तो सबसे पहले उन्हीं स्थान का उपयोग किया जाता है।

Rules for manage free space:

Operating System द्वारा स्पेस (space) को Operating system & free space के लिए निम्न rules लगाए जाते हैं:

  • Linked List
  • Bit Vector
  • Grouping
  • Counting

i) Linked List:

  • Free space, disk में जहाँ भी है उन सभी की एक सूची तैयार किया जाता है।
  • उन space को अन्य से link किया जाता है।
  • जब data को disk में संग्रहित किया जाता है तो एक से दूसरे में free space में travels किया जाता है।

ii) Bit Vector:

  • Free space जो भी है उनको bit format में लगातार रखा जाता है।
  • उदाहरण के लिए: 1,2,4,8,10,11,12,14… address space यदि free हैं तो  इन्हें bit के रूप में संग्रहित करके रखते हैं
  • जैसेः 11010001011101010001011111001
  • यहाॅ 1 उपयोग हो free block के लिए है और 0 को उपयोग block को चिन्हांकित करते हैं।
  • जब data इस प्रकार के स्थिति में संग्रहित किया जाता है तो system bit records के अनुसार सीधे free space उपयोग कर सकता है।

iii) Grouping:

  • इसमें free block को एक समूह में प्रदर्शित किया जाता है।
  • यदि किसी disk में ‘n’ address से free block प्राप्त होता है तो n-1 पहला free block होगा।
  • अंतिम block address को ‘n’ मानते हुये इन्हें एक साथ mark कर दिया जाता है।
  • इससे operating system को बड़े free block को प्राप्त करने में आसानी होती है।

iv) Counting:

जब free block एक के बाद एक होते हैं अर्थात् वे एक दुसरे से लगे हुए होते हैं तब system उस track का आरंभिक address को लेता है और counting करते हुये ‘n’ block तक को hold करता है।

उसी प्रकार के block का address का एक group बनाता है। यह उसी प्रकार होता है जैसे एक किसी photo edition software में photo के किसी विशेष color को एक साथ select करने का command देते हैं।

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